दो आंसू तो दे दे

दो आंसू तो दे दे
 किसी को लाल देते हैं किसी को माल देते हैं।
 कोई यह नहीं कह सकता कि दादा टाल देते हैं।।
 कुछ दे या ना महावीर इस अपने दीवाने को।
 दो आंसू तो दे दे चरणों में बहाने को।।
 गौतम में बहाए थे, चंदना ने बहाए थे।
 जब जब भी गिरे आंसू प्रभु दौड़े आए थे।।
काफी है यह दो बूंदे भगवान रिझाने को।
 दो आंसू तो दे दे ।
आंसू वो खजाना है किस्मत से जो मिलता है।
इनके बह जाने से यह मेरा दादा पिघलता है।
करुणा का तू सागर है अब छोड़ बहाने को।।
दो आंसू तो दे दे
 दुख में बह जाते हैं खुशियों में जरूरी है।
आंसू के बिना दादा हर आंख अधूरी हैं।।
दो आंसू तो दे दे।

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